भारत में, कैपिटल मार्केट से जुड़े संगठनों को एक शासी निकाय जैसे सेबी द्वारा नियंत्रित किया जाता है। डिपॉजिटरी और स्टॉक एक्सचेंज दो मुख्य प्रकार के संगठन होते हैं जो आपकी ट्रेडिंग करने में मदद करेंगे। डिपॉजिटरी एक डीमैट अकाउंट के बनाने में मदद करती हैं और स्टॉक एक्सचेंज स्टॉक ट्रेडिंग की सुविधा देते हैं।
स्टॉक बाजार में नियामक कौन होते हैं?
प्रतिभूति बाजार को विनियमित करने की जिम्मेदारी को दी जाती है:
1. आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए)
2. कंपनी मामलों के विभाग (डीसीए)
3. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)
4. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी)
मुझे सेबी के बारे में और जानकारी बताएं कि सेबी क्या होता है?
सेबी भारत में नियामक प्राधिकरण है जो सेबी अधिनियम 1992 की धारा 3 के तहत स्थापित किया गया है। इसकी भूमिका में शामिल होती हैं–
1. प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की रक्षा करना
2. प्रतिभूति बाजार के विकास को बढ़ावा देना
3. प्रतिभूति बाजार विनियमन करना
डिपॉजिटरी और डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) क्या है?
डिपॉजिटरी एक ऐसा संगठन है जो निवेशकों के अनुरोध पर पंजीकृत डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक रूप में निवेशकों की प्रतिभूतियों (जैसे शेयर, डिबेंचर, बॉन्ड, सरकारी प्रतिभूतियां, म्यूचुअल फंड यूनिट, आदि) को रखता है। यह प्रतिभूतियों में लेनदेन से जुड़ी सेवाएं भी प्रदान करता है। वर्तमान में दो डिपॉजिटरीज अर्थात नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (सीडीएसएल) सेबी के साथ पंजीकृत हैं।
डीपी निवेशकों को अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए डिपॉजिटरी द्वारा नियुक्त एक एजेंट होते है। उदाहरण: बैंक, वित्तीय संस्थान और सेबी पंजीकृत ट्रेडिंग सदस्य होते हैं।
एंजेल वन सीडीएसएल के साथ पंजीकृत एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट है।
आपको एक डीपी में क्या देखना चाहि?
1. न्यूनतम लेनदेन शुल्क
2. डीमैट से पूल या किसी अन्य डीमैट में न्यूनतम ट्रांसफर शुल्क
3. यदि पूल खाते में रखे गए शेयरों पर कोई शुल्क नहीं है
4. कोई अलग डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं होती है
5. पूल अकाउंट में रखे शेयर ट्रेडिंग के लिए मार्जिन के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति देता है
6. टी + 4 दिनों तक उन शेयरों की गैर-डिलीवरी पर कोई ब्याज नहीं लिया जाता है जहां ‘टी’ ट्रेड डे के लिए होता है