प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाईजी) क्या है?
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (पीएमएवायजी) (PMAYG) केंद्र सरकार की एक पहल है जिसका लक्ष्य ग्रामीण गरीबों के लिए सुलभ आवास प्रदान करना है। यह कार्यक्रम में अस्थायी घरों के स्थान पर ठोस, सुसज्जित घरों के निर्माण पर ध्यान देता है, जिसमें रसोई घर की उचित व्यवस्था होती है। इसे 1985 में शुरू किए गए सरकारी कल्याण कार्यक्रम इंदिरा आवास योजना के स्थान पर लाया गया है और इसे सबसे व्यापक सामाजिक योजनाओं के रूप में मान्यता दी जाती है।
पीएमएवायजी (PMAYG) के उद्देश्य
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमज़ोर व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिससे वे आवासीय सुविधा प्राप्त करने में सक्षम हो सकें। पीएमएवायजी (PMAYG) के लाभार्थियों को स्थायी आवास के साथ-साथ बिजली, एलपीजी (LPG) और सड़क संपर्क जैसी अतिरिक्त सुविधाएं भी प्राप्त होंगी।
‘सभी के लिए आवास’ जैसी महत्वाकांक्षी पहल के तहत 25 वर्ग मीटर के स्थायी घर के निर्माण के साथ-साथ संबंधित सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। वर्ष 2019 में ग्रामीण विकास मंत्री द्वारा इस योजना की प्रगति की समीक्षा की गई और हाल में हुए अध्ययनों से पता चलता है कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना ने अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाईजी) (PMAYG) की विशेषताएं
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के मुख्य तत्व निम्नवत हैं:
- ग्रामीण व्यक्तियों को आवश्यकतानुसार आवास सहायता प्रदान करने से संबंधित खर्च केन्द्रीय और राज्य सरकारों के बीच साझा किए जाएंगे। वितरण का अनुपात 60:40 है, जिसमें संबंधित राज्य का योगदान 40 प्रतिशत होता है. गैर-पहाड़ी राज्यों में, प्रत्येक राज्य का योगदान ₹1.20 लाख होता है।
- पहाड़ी राज्यों, खासकर उत्तरी राज्यों में, निधि अनुपात 90:10 है, केन्द्र सरकार द्वारा निधि का 90 प्रतिशत उपलब्ध कराया जाता है। केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर द्वारा इसी को लागू किया जाता। इन राज्यों में इस कार्य हेतु उपलब्ध कुल राशि ₹1.30 लाख है, जो स्थायी आवास बनाने के लिए समर्पित है।
- अन्य सभी संघ राज्य क्षेत्रों को केंद्र सरकार द्वारा 100 प्रतिशत निधि उपलब्ध कराई जाएगी जिसमें कुल लागत का कोई विशिष्ट विवरण अंकित नहीं किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का उद्देश्य वर्तमान के सभी अस्थायी आवासीय इकाइयों को समाप्त करके ग्रामीण गरीबों के जीवन स्तर को उन्नत बनाना है।
- प्रत्येक घर में स्थायी शौचालयों के निर्माण के लिए प्रति लाभार्थी ₹12,000 की अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह अतिरिक्त सहायता एक प्रमुख सरकारी कार्यक्रम स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी) (SBM-G) के अंतर्गत आती है ताकि लोगों के लिए ज्यादा स्वच्छ जीवन परिस्थिति सुनिश्चित की जा सके।
- इस योजना के तहत सभी लाभार्थियों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) (MGNREGS) के एक हिस्से के रूप में अकुशल श्रम के लिए प्रति दिन ₹90.95 प्राप्त होगा।
- लाभार्थियों का चयन सामाजिक-आर्थिक और जातीय जनगणना (एसईसीसी) (SECC) द्वारा निर्धारित सामाजिक संकेतकों के आधार पर किया जाएगा। संबंधित ग्राम सभाएं डेटा सत्यापन की निगरानी करेंगी एवं प्रशासन को इसकी जानकारी प्रदान करेंगी।
- प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण को पूरी तरह पारदर्शी बनाया गया है। इसके तहत होने वाले भुगतान सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में हस्तांतरित किए जाएंगे तथा भुगतान केवल ज़रूरतमंद व्यक्ति को किया गया है। इसे सुनिश्चित करने के लिए आधार डेटा सत्यापन किया जाता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAYG) के लिए पात्रता की आवश्यकताएं
पीएमएवायजी (PMAYG) के तहत लाभ प्राप्त करने हेतु निम्नलिखित व्यक्ति पात्र होते हैं:
- वो परिवार जिनके पास रहने के लिए ज़मीन अथवा स्थान न हो।
- एक या दो कमरे के अस्थायी (कच्चे) मकान में रहने वाले परिवार जिनकी दीवारें और छतें कंक्रीट की बनी हुई नहीं होती हैं।
- वो परिवार जिनमें 25 वर्ष या उससे अधिक आयु के एक भी पुरुष साक्षर न हो।
- वो परिवार जिनमें 15 से 59 वर्ष के बीच की आयु का एक भी सदस्य न हो।
- जिस परिवार का कोई सदस्य विकलांग हो उसे भी प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के माध्यम से लाभ प्राप्त करने के लिए अर्हता प्राप्त है।
- वह व्यक्ति जिनके पास कोई स्थायी रोज़गार नहीं है तथा वे मुख्य रूप से आकस्मिक मज़दूर के रूप में कार्य करते हैं।
- अल्पसंख्यक समुदायों तथा अनुसूचित जनजातियों और जातियों के लोग भी इस कार्यक्रम के तहत लाभ प्राप्त करने के पात्र लोगों में शामिल हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाईजी) (PMAYG) के लिए आवेदन करने हेतु आवश्यक दस्तावेज़
इस आवासीय योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नांकित दस्तावेज़ों की ज़रूरत होती है:
- आवेदक का आधार नंबर और उनके आधार कार्ड की स्व-प्रमाणित कॉपी। यदि लाभार्थी पढ़ने और लिखने में असमर्थ है, तो लाभार्थी के अंगूठे के निशान साथ सहमति पत्र प्राप्त करना चाहिए।
- एमजीएनआरईजीए (MGNREGA) में रजिस्टर्ड एक वैध रोज़गार लाभार्थी कार्ड।
- आवेदक के बैंक खाते के विवरण की मूल और फ़ोटोकॉपी।
- आवेदक का स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) (SBM) नंबर।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAYG) लाभार्थी कैसे आवेदन/रजिस्टर/जुड़ें
पीएमएवायजी (PMAYG) कार्यक्रम में नया लाभार्थी जोड़ने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाना है। यह खास तौर पर उन योग्य व्यक्तियों पर लागू होता है जिन्हें अभी तक डेटाबेस में शामिल नहीं किया गया है:
- पीएमएवाय-जी (PMAY-G) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और लॉग-इन करें।
- लिंग, आधार नंबर, मोबाइल नंबर और अन्य संबंधित जानकारी के साथ-साथ सभी व्यक्तिगत विवरण भरें।
- आधार डेटा का इस्तेमाल करने के लिए पूर्व में उल्लिखित सहमति पत्र अपलोड करें।
- अब एक ‘खोज’ बटन दिखाई देगा। लाभार्थी विवरण प्राप्त करने हेतु इस पर क्लिक करें और चेक करें कि इस संबंध में कोई प्राथमिकता है या नहीं।
- ‘रजिस्टर’ पर क्लिक करें।
- लाभार्थी का विवरण अपने आप आ जाएगा। यह सुनिश्चित कर लें कि दी गई जानकारी सही और अपडेटेड है।
- शेष भाग भरें, जिसमें आधार विवरण, नामांकन विवरण, बैंक खाते की जानकारी आदि शामिल हैं।
- यदि लाभार्थी इस योजना के तहत लोन के लिए आवेदन देना चाहते हैं, तो वे ‘हां’ पर क्लिक कर सकते हैं और आवश्यक लोन की राशि निर्दिष्ट कर सकते हैं।
- अंत में, प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए एसबीएम (SBM) और एमजीएनआरईजीएस (MGNREGS) विवरण अपलोड करें।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाईजी) (PMAYG) के लिए लाभार्थी सूची
सरकार द्वारा पीएमएवायजी (PMAYG) कार्यक्रम के लिए लाभार्थी का चयन सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना, 2011 (एसईसीसी) (SECC) के आधार पर की जाती है। लाभार्थी निम्नलिखित प्रक्रिया से चुने जाते हैं:
- एसईसीसी (SECC) का उद्देश्य संभावित लाभार्थियों का रोस्टर संकलित करना है।
- इन संभावित लाभार्थियों को प्राथमिकता के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
- बाद में ग्राम सभाओं को सत्यापन के लिए यह सूची प्रस्तुत की जाती है।
- सत्यापन के बाद, लाभार्थियों की एक निश्चित सूची का संकलन और उसे सार्वजनिक किया जाता है।
- इसके बाद वार्षिक लाभार्थी सूची तैयार की जाती है।
पीएमएवायजी (PMAYG) आवेदन का स्टेटस का कैसे पता करें?
आप प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के आधिकारिक वेबसाइट पर इन चरणों का पालन करके पीएमएवाईजी (PMAYG) के तहत दिए गए अपने आवेदन की प्रगति का पता लगा सकते हैं:
- पीएमएवायजी (PMAYG) के आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- वेबसाइट पर, “आवाससॉफ्ट” सेक्शन के अंतर्गत “एफ़टीओ (FTO) ट्रैकिंग” को खोजें और क्लिक करें।
- अपने पीएमएवायजी (PMAYG) आवेदन की स्थिति का पता लगाने के लिए अपना फंड ट्रांसफ़र ऑर्डर (एफटीओ) (FTO) नंबर अथवा अपना पब्लिक फ़ाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) (PFMS) आईडी (ID) प्रदान करें।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवायजी) (PMAYG) का उद्देश्य ग्रामीण भारत में आवासीय स्थिति को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति करना है, जो कई गरीब परिवारों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। यह सरकार की किफ़ायती आवास को बढ़ावा देने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार लाने की प्रतिबद्धता दिखाता है। यह महत्वपूर्ण है कि इसके प्रभाव को बनाए रखने तथा इसे बेहतर बनाने के लिए कार्यक्रम को लागू करने और चुनौतियों के समाधान पर ध्यान दिया जा रहा है।
FAQs
PMAYG के लिए लाभार्थी कैसे चुने जाते हैं?
पीएमएवायजी (PMAYG) के लिए लाभार्थियों का चयन 2011 की सामाजिक–आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) (SECC) का इस्तेमाल करके किया जाता है। इस प्रक्रिया में संभावित लाभार्थियों की सूची संकलित करना, उन्हें प्राथमिकता देना, ग्राम सभाओं के माध्यम से सूची का सत्यापन करना और अंतिम लाभार्थी की सूची बनाना शामिल है।
मार्च 2022 तक पीएमएवायजी (PMAYG) के तहत बनाए गए घरों की कुल संख्या कितनी है?
मार्च 2022 तक, भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पीएमएवायजी (PMAYG) कार्यक्रम के तहत कुल 63,92,930 मकान बनाए गये हैं।
मैं अपने पीएमएवायजी (PMAYG) आवेदन का स्टेटस कैसे पता कर सकता/सकती हूं?
अपने पीएमएवायजी (PMAYG) आवेदन की स्थिति का पता लगाने के लिए पीएमएवायजी (PMAYG) के आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और “आवाससॉफ्ट” टैब के अंतर्गत “एफ़टीओ (FTO) ट्रैकिंग” पर क्लिक करें। फिर, अपना फ़ंड ट्रांसफ़र ऑर्डर (एफटीओ) (FTO) नंबर या पब्लिक फ़ाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफ़एमएस) (PFMS) आईडी (ID) दर्ज करें।
पीएमएवायजी (PMAYG) के तहत किन राज्यों में सबसे अधिक घर बनाए गए हैं?
ऊपर बताए गए राज्यों में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में निर्दिष्ट वर्षों के दौरान पीएमएवायजी (PMAYG) के अंतर्गत सबसे अधिक मकान बनाए गए हैं तथा इन राज्यों में लाखों की संख्या में मकान बने हैं।