यदि आप नौसिखिए हैं तथा अभी सिक्योरिटीज मार्केट में प्रवेश कर रहे हैं, तो आपको स्टॉक, म्यूचुअल फंड या किसी अन्य सेगमेंट में निवेश विकल्पों की तलाश करते समय लार्ज–कैप स्टॉक, ब्लू–चिप स्टॉक, स्मॉल–कैप स्टॉक, ब्लू–चिप स्टॉक आदि जैसे शब्द आपके सामने आए होंगे। प्रतिभूति बाजार में कंपनियों को वर्गीकृत करने के लिए मार्केट कैप या बाजार पूंजीकरण व्यापक श्रेणियों में से एक है। बाजार पूंजीकरण की समझ आपको विकास की संभावना और जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर एक सूचित निवेश निर्णय लेने में मदद कर सकती है।
यदि आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है कि बाजार पूंजीकरण क्या है, तो आप सही जगह पर हैं। बाजार पूंजीकरण और इसके प्रकारों के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें।
बाजार पूंजीकरण क्या है?
बाजार पूंजीकरण, जिसे अक्सर मार्केट–कैप कहा जाता है, किसी कंपनी के बकाया शेयरों का बाजार मूल्य होता है। इसे सरल शब्दों में कहें तो, यह कंपनी के शेयरधारकों द्वारा धारित सभी शेयरों का बाजार मूल्य है।
आइए बेहतर तरीके से समझने के लिए एक उदाहरण पर नजर डालें।
मार्केट कैप= बकाया शेयरों की कुल संख्या x प्रत्येक शेयर की मार्केट प्राइस
‘एबीसी‘ एक सूचीबद्ध कंपनी है जिसमें 50,000 शेयर हैं, और प्रत्येक शेयर ₹ 900 के बाजार मूल्य पर ट्रेडिंग कर रहा है।
‘एबीसी‘ की मार्केट कैप 50,000 x ₹ 900=₹ 4,50,00,000 है।
बाजार पूंजीकरण के प्रकार
बाजार पूंजीकरण के आधार पर तीन प्रकार की कंपनियां हैं,
लार्ज–कैप, मिड–कैप और स्मॉल–कैप के बीच अंतर
पैरामीटर | लार्ज–कैप | मिड–कैप | स्मॉल–कैप |
सेबी की परिभाषा (पूर्ण बाजार पूंजीकरण के संदर्भ में लिस्टेड कंपनियां) | स्टॉक मार्केट में टॉप 100 कंपनियां | कंपनियों की रैंक 101-250 है | रैंकिंग 251 से शुरू होने वाली कंपनियां |
मार्केट कैप | ₹ 20000 करोड़
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₹ 5000- ₹20000 करोड़ | < ₹ 5000 करोड़ |
रिस्क प्रोफाइल | कम | मध्यम | उच्च |
अस्थिरता | कम अस्थिर | मध्यम | अत्यधिक अस्थिर |
तरलता | उच्च | मध्यम | निम्न |
विकास की क्षमता और रिटर्न | स्थिर एवं स्थायी रिटर्न | मध्यम वृद्धि और रिटर्न | अच्छे रिटर्न के साथ उच्च वृद्धि माना जाता है |
नोट:
- ब्लू–चिप कंपनियां: >₹ 20,000 करोड़ की मार्केट कैप वाली लार्ज–कैप कंपनियों को भी ब्लू–चिप कंपनियां कहा जाता है। ‘ब्लू चिप‘ शब्द पोकर गेम से लिया गया है, जहां ब्लू चिप्स उच्चतम मूल्य वाले पीस होते हैं।
- फ्री–फ्लोट मार्केट–कैप: जनता द्वारा ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध शेयरों के बाजार मूल्य को फ्री–फ्लोट बाजार पूंजीकरण कहा जाता है। लॉक–इन स्टॉक को फ्री–फ्लोट मार्केट कैप की गणना में शामिल नहीं किया जाता है।
निष्कर्ष:
मार्केट कैप विश्व भर में किसी कंपनी का मूल्यांकन करने के लिए सबसे व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले तरीकों में से एक है। यह शेयर बाजार के इंडेक्स में लिस्टेड विभिन्न कंपनियों के शेयरों को आंकने का एक विश्वसनीय तरीका भी है।
एक विविधीकृत पोर्टफोलियो बनाते समय, मार्केट कैप कंपनी की जोखिम प्रोफाइल और विकास क्षमता को निर्धारित करने का सुविधाजनक तरीका रहा है, जिससे निवेशकों को समझ–बूझकर विकल्प चुनने में मदद मिलती है। लेकिन, एक निवेशक के रूप में, आपको यह भी पता होना चाहिए कि मार्केट कैप में कंपनी के वित्तीय ऋण और अन्य दायित्व शामिल नहीं होते हैं, जिसके लिए आप उद्यम मूल्य का उल्लेख कर सकते हैं। एक निवेशक के रूप में, निवेश का निर्णय लेने से पहले मार्केट कैप के साथ–साथ अन्य कारकों के संदर्भ में आप कंपनी का मूल्य समझना सुनिश्चित करें।