Trading – things to keep in mind | Hindi

Podcast Duration: 7:02
ट्रेडिंग - ध्यान में रखने योग्य चीज़ें। नमस्कार दोस्तों। एंजेल वन के इस पॉडकास्ट में आपका स्वागत है। अगर आप हमारे रेगुलर सुनने वाले हैं तो, आपका फिर से स्वागत है। मई बहुत खुश हूँ की हमारे पॉडकास्ट आपके लिए फायदेमंद साबित हो रहा है और आप और सुनने के लिए वापस आ रहे हैं। इससे हमें और भी रोचक जानकारी लाने की प्रेरणा मिलती है। अगर आप पहली बार सुन रहे हैं तो आपका यहाँ स्वागत है। एंजेल वन नए ट्रेडर्स के लिए ऐसी जानकारी लाते है जो उन्हें शुरू करने में मदद करती है। आज के पॉडकास्ट में हम आपको एक ऐसी चेकलिस्ट देने वाले हैं जो आपको ट्रेड करते वक़्त ध्यान में रखनी है : - अपनी रिसर्च करें -- इसी साल में कुछ ऐसे आईपीओ आयें हैं जिनको ओवर सबस्क्राइब किया गया है लेकिन आप उन कंपनियों के फ़ाइनेंष्यल देखने जाओगे , तो आप हैरान होगे कि लोग लॉस करने वाली कंपनी के शेयर खरीदने के लिए इतने उतावले क्यों हैं ? आप " बहुत चर्चा में हैं" या " जानी मानी कंपनी " बोल के इन्वेस्ट कर के अपने पैसे रिस्क कर रहे हो। हमेशा याद रखें पब्लिसिटी, सोश्ल मीडिया बज़्ज एक कंपनी द्वारा फैलाये जा सकते हैं और सिर्फ इसलिए कि एक कंपनी का नाम है इसका ये मतलब नहीं है कि वो प्रॉफ़िट कमा रही है। कोई भी निवेश करने से पहले आपको कंपनी के फ़ाइनेंष्यल ट्रेक रेकॉर्ड चेक करने चाहिए, जैसे कि उसके भविष्य के प्लान और पुरानी स्टॉक कि कीमतें इत्यादि। विशेषज्ञों कि टिप्स और देखा देखी ट्रेड करने से बचें : ध्यान में रखें विशेषज्ञों कि सलाह ऐसे काम करती है , एक विशेषज्ञ हज़ार लोगों को संपर्क करेगा 500 लोगों को सेल करने करने कि टिप देगा और 500 लोगों को खरीदने की। अगर स्टॉक की कीमत बढ़ गयी जिन 500 लोगों ने खरीदा था वो खुश हो जाएंगे और अगर घट गयी तो बेचने वाले खुश हो जाएंगे। किसी भी स्थिति में उसके आधे लोग हमेशा खुश रहेंगे। हमेशा अपनी रिसर्च पे डिपेंड करके निवेश करना। अगर आपके दोस्त किसी स्टॉक में निवेश करके काफी अर्निंग ले रहें हैं तो ज़रूर आपको भी उतावली हो सकती हो सकती है की उसी स्टॉक में इन्वेस्ट करके अर्निंग मिल जाएँ। लेकिन अर्निंग आपके खरीदने के प्राइस पर भी डिपेंड करती हैं ,हो सकता है आपके दोस्त ने कम कीमत पर स्टॉक खरीदा हो। प्राइस बढ़ेगी ही इसकी कोई गारंटी नहीं है - बल्कि आगे के दो पॉइंट आपको सही स्टॉक चुनने में सहायता करेंगे ( अपनी रिसर्च करने के अलावा जैसे की हमने अपने पहले पॉइंट में कहा है)। टेक्निकल इंडिकेटर्स का इस्तेमाल करें - पर अपने को सुरक्शित भी रखें। टेक्निकल इंडिकेटर्स जैसे की मुविंग एव्रेज, वॉल्यूम और स्ट्रेन्थ का रिलेटिव इंडेक्स जो आपको आगे स्टॉक प्राइस की मूवमेंट प्रेडिक्ट करने में सहायता देता है। आप से खेल के प्रेडिक्ट करो, लेकिन स्टॉक प्राइस के सही में बढ्ने का इंतज़ार करो। टेक्निकल इंडिकेटर्स आपको यह आइडिया दे सकते हैं की प्राइस ऊपर जाएगा या नीचे जिस के बेसिस पर आप डिसाइड कर सकते हो खरीदना है, या अगर आपके पास कोई शेयर पहले से ही है तो बेचना है। स्टॉक का अंदाज़ा लगाने के लिए रैशियो का इस्तेमाल कीजिये। कई फेमस ट्रैडर और इन्वैस्टर का कहना है कि हमेशा उन स्टॉकस में ट्रेड करना चाहिए जिनका पी/ ई रैशियो अच्छा हो। प्राइस और अर्निंग रैशियो में स्टॉक प्राइस और कंपनी कि अर्निंग का कंपेरिज़न किया जाता है। अगर कंपनी का अर्निंग स्टॉक प्राइस से ज़्यादा है, इनका कहना है कि स्टॉक डिस्काउंट पे ट्रेड हो रहा है। ज़्यादातर अपवर्ड प्राइस करेक्शन होने कि संभावना रहती है तो यह कर सकते हैं कि डिस्काउंट में खरीद लो और फिर प्राइस करेक्शन होने पर आपको अर्निंग हो सकती है। एक स्टॉप लॉस सेट कर लें - हमेशा ध्यान रखें कि स्टॉक प्राइस कितना भी ऊपर जा रहा हो कभी भी पलट कर नीचे गिर सकता है। हमेशा एक स्टॉप लॉस सेट करें ताकि आप नुकसान से बच सकें। एक और बात स्टॉप लॉस हमेशा सोच समझ के सेट करना चाहिए अगर आप इसे बहुत कम पर सेट करेंगे तो स्टॉक कि कीमत बढ्ने से पहले ही आपको स्टॉक बेचना पड़ सकता है। एक दम से आने वाले रिएक्शन से बच कर रहें :- दोस्तों इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि स्टॉक मार्केट हमेशा इमोश्नल रहता है, जैसे कि बजट कि घोषणा सभी स्टॉक के प्राइस को एकदम से गिरा सकती है। उन कंपनियों के स्टॉक को भी जिनपर इस से कोई असर नहीं पड़ने वाला। आप इन रिएक्शन पर बेचैन मत होना, आप सिर्फ अपने स्टॉक और उससे रिलेटिड़ सैक्टर पर ध्यान दो। मूल्यांकन करो कि आपके स्टॉक और उससे रिलेटिड़ सैक्टर पर इस सूचना का क्या असर हो रहा है। और अगर प्राइस ज़्यादा ऊपर नीचे हो रहा है तो थोड़ा शांत रहो। ऐसे में रुक कर देखना ही सबसे अच्छा तरीका है। अपनी रिस्क एपेटाइट और रिस्क मिटिगेशन हमेशा नाप कर रखें। हमेशा यह तय करके रखें कि अगर कुछ उल्टा होता है तो आप कितनी राशि गँवा सकते हैं, आप उसी राशि से ट्रेड करना। रोटी, कपड़ा और मकान यानि के बेसिक ज़रूरतें जैसे किराया, खाने - पीने का सामान, कहीं आने -जाने का खर्च और लाइफ़स्टाइल की बेसिक जरूरतों के लिए पैसे रख कर ही ट्रेड करें। हमेशा पैसे लगाने से पहले ये निश्चित कर लें की आपके पास एक सोर्स ऑफ इंकम हो , और हाँ रिस्क मिटिगेशन यानि की रिस्क को न्यूनतम करना ज़रूरी है। इसके लिए आपको हमेशा स्टॉप लॉस सेट करना चाहिए। इसके बाद हमारा 8 नंबर पॉइंट आता है जोकि है पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफ़ाई करना :- कभी मत भूलना की कोई भी स्टॉक मार्केट निवेश में हमेशा रिस्क रहेगा ही रहेगा, आपको यह रिस्क मेनेज करना है। पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन कई निवेशकों के लिए रिस्क मिटिगेशन का एक इंपोर्टेंट तरीका है, आप अलग - अलग तरह के स्टॉक में निवेश कर लो ताकि अगर एक सैक्टर के स्टॉक गिर भी जाये तो आपका पूरा पैसा नहीं खो जाएगा। और आपके एक सैक्टर के लॉस दूसरे कंपनी के प्रॉफ़िट से ऑफसेट भी हो सकते हैं। ये है स्मार्ट और सेफ ट्रेडिंग। फीस और चरजिस के बारे में मत भूलिए :- ब्रोकरेज फीस और चरजिस पे ध्यान देना भी ज़रूरी है। एक ऐसे ब्रोकर को ढूंढें जो सभी ट्रेड पर पर्सेंटेज की जगह फ्लॅट रेट ऑफर करता हो। हमेशा सीखने के लिए कुछ न कुछ होता है। अगर आप ट्रेड कर रहे हैं और मुनाफा हो रहा है तो कॉन्फ़िडेंस आना लाज़मी है, पर ओवर कॉन्फ़िडेंस की कोई जगह नहीं है। हमेशा बहुत कुछ सीखना बाकी है, टेक्निकल इंडिकेटर्स, रूल बेस्ड ट्रेडिंग , अलग- अलग एसेट क्लासेस के बारे में जान कर अपने ज्ञान को बढ़ाते रहें। दोस्तों यह है हमारे पॉडकास्ट का एंड , सुनते रहो और ज्ञान बढ़ाते रहो। उम्मीद करते हैं की यह चेकलिस्ट आप ज़रूर यूस करोगे। जाने से पहले ज़रूर याद रखिएगा की यह पॉडकास्ट केवल जानकारी के लिए बनाया गया है और निवेशकों को कोई भी निर्णय लेने से पहले अपनी रिसर्च करना ज़रूरी है। बाज़ार निवेश जोखिमों के आधीन है, कृपया सभी संबन्धित दस्तावेज़ ध्यान से पढ़ें।