आपको याद दिला दें, ग्राहकों तक पहुंचने से पहले वस्तुओं और सेवाओं पर अप्रत्यक्ष कर लगाया जाता है, जो बाजार मूल्य के एक भाग के रूप में इसका भुगतान करते हैं।
सर्विस टैक्स क्या है?
सरकार द्वारा कुछ प्रकार की सेवाओं जैसे यात्रा एजेंसियों, रेस्तरां, कैब सेवाओं, केबल सेवा प्रदाताओं आदि पर सर्विस टैक्स लगाया जाता है। सेवा प्रदाता कर एकत्र करने और सरकार को इसका भुगतान करके राजस्व उत्पादन में योगदान देने के लिए जिम्मेदार है।
सर्विस टैक्स 1994 में वित्त अधिनियम की धारा 65 के अनुसार लागू किया गया। वर्ष 2012 तक अप्रत्यक्ष कर केवल विशिष्ट सेवाओं पर ही लगाए गए। बाद में, एयरकंडीशन्ड रेस्टोरेंट, होटल और अल्पकालिक आवासीय सेवाएं शामिल करने के लिए उनके दायरे का विस्तार किया गया ।
भारत में टैक्स योग्य होने के लिए सेवा को निम्नलिखित 3 शर्तों को पूरा करना जरूरी है।
- सेवा एक व्यक्ति/संस्था द्वारा दूसरे व्यक्ति को प्रदान की जाती है या प्रदान किए जाने का वादा किया जाता है।
- सेवा को भारत के कर योग्य क्षेत्र में उपलब्ध कराया गया या उपलब्ध कराने का वादा किया गया था।
- सेवा नकारात्मक सूची से संबंधित नहीं है या सूची से छूट प्राप्त विशेष सेवाओं में से एक है।
सर्विस टैक्स की दर क्या है?
सर्विस टैक्स की दर परिवर्तन के अधीन होती है। वित्त मंत्रालय कर दर निर्धारित करने के लिए जिम्मेदार है और संसद के बजट अधिवेशन के दौरान परिवर्तित दर की घोषणा की जाती है।
सर्विस टैक्स की गणना व्यक्तिगत सेवा प्रदाताओं के लिए नकद आधार पर तथा कंपनियों के लिए उपलब्ध आधार पर की जाती है। यह तब देय होता है जब प्रदान की गई सेवाओं का वार्षिक मूल्य ₹10 लाख से अधिक हो।
देश में नवीनतम सर्विस टैक्स की दर 15% है, जिसमें 0.5% ‘कृषि कल्याण’ उपकर और 0.5% ‘स्वच्छ भारत’ उपकर शामिल हैं। यह दर वर्ष 2015 में 12.36% से बढ़कर 14% और 2016 में 15% हो गई।
कर की गणना कुछ छूट के साथ सेवाओं के प्रावधान के लिए प्राप्त या प्राप्त प्रभारों के प्रतिशत के रूप में की जाती है। छूट के कुछ उदाहरण वायु परिवहन शुल्क पर 60 प्रतिशत छूट, चिट फंड पर 30 प्रतिशत छूट और यात्रा प्रचालकों द्वारा प्रदान की जाने वाली कुछ सेवाओं पर 70 प्रतिशत छूट हैं। इसलिए, कर की गणना केवल शेष राशि पर की जाती है।
आइए, एक उदाहरण के साथ सर्विस टैक्स की गणना को समझते हैं।
मान लीजिए कि प्राप्त कुल कर योग्य सेवा ₹10,000 है। इसलिए, सर्विस टैक्स की गणना निम्नलिखित तरीके से की जाती है।
सर्विस टैक्स की दर = ₹(10,000 * 14%) + ₹(10,000 * 0.5%) + (10,000 * 0.5%) = ₹1,500
अब मान लें कि सेवा 70% छूट की पात्र है। ऐसे मामले में, कुल देय सर्विस टैक्स होगा:
शुल्क योग्य राशि= ₹(10,000 * 30%) = ₹3,000
सर्विस टैक्स = ₹(3,000 * 14%) + ₹(3,000 * 0.5%) + (3,000 * 0.5%) = ₹450
सर्विस टैक्स की व्यावहारिकता क्या है?
सर्विस टैक्स सूची के तहत सेवाओं की पूर्ण सूची 1984 के वित्त अधिनियम की धारा 65 B (44) के तहत उपलब्ध है। कुल मिलाकर 119 सेवाएं सूची में शामिल हैं। सेवाओं की एक नकारात्मक सूची भी है जिन्हें छूट दी गई है। इनके बारे में वित्त अधिनियम की धारा 66 D के तहत बताया गया है। इसमें ‘विशेष सेवाएं’ की सूची भी होती है जिन्हें सर्विस टैक्स से छूट प्राप्त होती है।
सर्विस टैक्स के लिए रिटर्न
शुरुआत में, सर्विस टैक्स के अंतर्गत आने वाले कर दाताओं को हर छह माह में रिटर्न फ़ाइल करना पड़ता था। लेकिन केन्द्रीय उत्पाद एकं सीमा शुल्क बोर्ड ने नोटिफिकेशन संख्या 19/2016 के माध्यम से, वार्षिक रिटर्न फ़ाइल करना आवश्यक कर दिया। सर्विस टैक्स के ऑनलाइन पेमेंट को आसान बनाने के लिए, इसने इलेक्ट्रॉनिक एकाउंटिंग सिस्टम इन एक्सरसाइज एंड सर्विस टैक्स (इजीएस्ट (EASIEST)), एक ऑनलाइन पेमेंट गेटवे की शुरुआत की है।
कर का भुगतान करने के लिए, आपको एनएसडीएल इजिएस्ट की वेबसाइट पर जाना होगा और ई-भुगतान चुनना होगा। अपने सर्विस टैक्स के विवरण को एक्सेस करने के लिए अधिकारिता आयुक्त से प्राप्त 15 अंकों का निर्धारिती कोड दर्ज करें। आपको अपने बैंक की नेट बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से भुगतान करना होगा। भुगतान होने के बाद, आपको अपने भुगतान का चालान या स्वीकृति/प्रमाण प्राप्त होगा।
सर्विस टैक्स छूट
आप निम्नलिखित शर्तों के तहत सर्विस टैक्स से छूट प्राप्त कर सकते हैं:
टर्नओवर ₹10 लाख से कम है। अगर पिछले वर्ष में प्रदान की गई सेवाओं का कुल कर योग्य मूल्य ₹10 लाख से कम था, तो आप सेवा कर छूट का दावा कर सकते हैं। यदि सेवा मूल्य ₹10 लाख से अधिक है तो यह छूट लागू नहीं होगी।
सेनवट (CENVAT) ऋण: सेनवैट (CENVAT) ऋण ‘विशेष इनपुट सेवाओं’ के लिए उपलब्ध, और इसे सेवा कर से छूट प्राप्त नहीं है। इसके अलावा, सेनवैट (CENVAT) ऋण भी छूट की अवधि के दौरान प्राप्त पूंजीगत वस्तुओं पर उपलब्ध नहीं है।
सर्विस टैक्स दंड
वित्त अधिनियम, 1994 की धारा 76, 77, और 78 के तहत, सरकार निम्नलिखित शर्तों को पूरा न करने के लिए दंड ले सकती है:
- सर्विस टैक्स का भुगतान करने में देरी या भुगतान न करने के लिए दंड लगाया जाता है।
- नियत तिथियों तक एसटी (ST)-3 रिटर्न फाइल करने में असफल रहने के लिए, जो अक्तूबर 25 और अप्रैल 25 हैं। ऐसे मामलों में, आपको देरी की अवधि के आधार पर ₹2,000 तक का दंड देना पड़ सकता है।
- अगर आप जानकारी प्रस्तुत करते समय केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिकारी के समक्ष प्रकट नहीं होते हैं, तो आपसे प्रतिदिन ₹5,000 या ₹200, जो भी अधिक हो का जुर्माना लगाया जा सकता है।
- अगर आप सेवा प्रदाता हैं लेकिन सेवा कर के लिए पंजीकरण करने में असफल हो जाते हैं, तो वित्त अधिनियम, 1994 की धारा 77 के तहत दंड लिया जाता है। दंड ₹5,000 तक हो सकता है।
- सर्विस टैक्स फाइल करने के लिए आवश्यक अकाउंट और अन्य डॉक्यूमेंट के रिकॉर्ड को रखने और बनाए रखने में विफल रहने पर ₹5,000 तक का दंड लग सकता है।
- ऑनलाइन सर्विस टैक्स भुगतान का अनुपालन न करने के लिए ₹5,000 तक का दंड लिया जाता है।
- आपसे गलत बिल जारी करने या सहायक दस्तावेज प्रदान नहीं करने के लिए ₹5,000 तक का जुर्माना लिया जा सकता है।
- प्रदान की गई सेवाओं या मिस्टेटमेंट जारी करने के बारे में गलत जानकारी देने के लिए दंड लिया जाता है।
निष्कर्ष
हालांकि जीएसटी (GST) द्वारा सर्विस टैक्स रद्द कर दिया गया है, लेकिन यह अभी भी जानना और समझना उपयोगी है। बाजार और भारतीय अर्थव्यवस्था पर अधिक उपयोगी और जानकारी युक्त लेखों के लिए, एंजल वन के एक ज्ञान केंद्र के निवेशक शिक्षा अनुभाग को देखते रहें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
सर्विस टैक्स क्या है?
भारत में सर्विस टैक्स एक प्रकार का अप्रत्यक्ष टैक्स है जो सरकार द्वारा विशिष्ट सर्विसेज़ पर लगाया जाता है। इसकी गणना कस्टमर से सर्विस प्रोवाइडर द्वारा प्रदान की गई और कलेक्ट की गई सर्विस के मूल्य पर की जाती है।
कौन सी सेवाएं आमतौर पर सर्विस टैक्स के अधीन होती हैं?
सर्विस टैक्स के लिए 119 सेवाएं सूचीबद्ध हैं जिनमें एयर कंडीशन्ड रेस्तरां द्वारा उपलब्ध कराई गई सेवाएं, होटल और अल्पकालीय आवासीय सेवाओं द्वारा प्रदान की गई अस्थायी आवास, म्यूचुअल फंड कंपनियों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं आदि शामिल हैं।
सर्विस टैक्स की गणना कैसे की जाती है?
सर्विस टैक्स की गणना प्रदान की गई सेवा के कर योग्य मूल्य पर की जाती है। सर्विस टैक्स की वर्तमान दर 15% है। इसलिए, सर्विस टैक्स कर योग्य सेवा मूल्य का 15% है। यदि सेवा के कुछ भाग को सर्विस टैक्स से छूट दी जाती है तो कर की गणना केवल कर योग्य भाग पर की जाएगी।
सर्विस टैक्स से छूट कौन है?
छोटे सेवा प्रदाता, जिनका प्रदान की गई सभी कर योग्य सेवाओं का कुल कारोबार ₹10 लाख से कम है, सर्विस टैक्स का भुगतान करने से छूट दी गई है।