पीआरसी मैट्रिक्स क्या है? डेट म्यूचुअल फंड में इसका कार्य क्या है

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by Angel One
संभावित जोखिम वर्ग (पीआरसी) मैट्रिक्स एक उपकरण है जिसके माध्यम से निवेशक ऋण निधि से संबंधित जोखिम का सही मूल्यांकन कर पाते हैं। सेबी ने सभी एएमसी के लिए अपने सभी ऋण योजनाओं का पीआरसी मैट्रिक्स प्रकाशित करना अनिवार्य बनाया है।

डेट म्यूच्यूअल फंड निर्धारित आय प्रतिभूतियों जैसे बांड, डिबेंचर और मुद्रा बाजार उपकरणों की विस्तृत श्रृंखला में निवेश करती हैं। यद्यपि उन्हें इक्विटी फंड से कम जोखिम वाला माना जाता है, किन्तु डेट फंड पूरी तरह से जोखिम रहित नहीं होते हैं।

दुर्भाग्यवश, बहुत से निवेशक यह सोच कर जाल में फंस गए कि डेट म्यूचुअल फंड जोखिम रहित एक सुरक्षित और स्थिर निवेश विकल्प है। लिए गए ऋण को जमा नहीं करने की एक श्रृंखला तथा अनेक ऋण योजनाओं को समाप्त करना, परिणामस्वरूप, निवेशकों का इसपर से विश्वास टूट गया, और लोग इन म्यूच्यूअल फंड्स से पूरी तरह दूर होते चले गए।

इस स्थिति में भारतीय वित्तीय बाजार विनियामक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इसमें कदम रखा और संभावित जोखिम वर्ग मैट्रिक्स प्रस्तुत किया। इस मैट्रिक्स को निवेशकों को ऋण निधि के जोखिम स्तर के बारे में सही जानकारी प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है, यह मैट्रिक्स एक महत्वपूर्ण कारक है जिसका निवेश करने से पहले प्रत्येक निवेशक को विश्लेषण करना चाहिए।

पीआरसी मैट्रिक्स, इसके विभिन्न घटकों के बारे में जानकारी प्राप्त करने एवं निवेशकों को डेट म्यूचुअल फंड का बेहतर मूल्यांकन करने में इससे कैसे मदद मिल सकती है इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए इसे पढ़ना जारी रखें।

पीआरसी मैट्रिक्स: एक विहंगावलोकन

डेट म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो जोखिम को विविधता प्रदान करने का एक अच्छा तरीका है क्योंकि इन्हें इक्विटी की तुलना में सुरक्षित विकल्प माना जाता है। हालांकि, सभी ऋण निधियों के जोखिम स्तर समान नहीं होते हैं। कुछ फंड केवल उच्च गुणवत्ता वाले बॉन्ड में निवेश करते हैं। इसके कारण वे उन निधियों की तुलना में कम जोखिमपूर्ण होते हैं जो उच्च गुणवत्ता वाले और मध्यम जोखिम वाले बॉन्ड के मिश्रण में निवेश करते हैं।

किसी डेट फंड के जोखिम का आकलन करने के अनेक तरीकों में से एक उसके द्वारा निवेश की जाने वाली विभिन्न निश्चित आय प्रतिभूतियों को अच्छी तरह से देखना और उनका विश्लेषण करना है। दुर्भाग्यवश, ऐसे गहन विश्लेषण करने के लिए सभी निवेशकों के पास अपेक्षित ज्ञान नहीं है।

पारदर्शिता बढ़ाने और निवेशकों को अपनी जोखिम प्रोफाइल के अनुसार सही निधि चुनने में मदद करने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने कुछ उपाय किए हैं। इनमें से एक उपाय 7 जून, 2021 को प्रकाशित परिपत्र था, जिसने सभी डेट म्यूच्यूअल फंड योजनाओं के लिए अपने संबंधित संभावित जोखिम वर्ग मैट्रिक्स का प्रकट करना अनिवार्य किया।

पीआरसी मैट्रिक्स एक 3 x 3 मैट्रिक्स है जो क्रेडिट जोखिम के तीन स्तर को क्षैतिज और तीन स्तर की ब्याज दर जोखिम प्रदर्शित करता है। आस्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) को स्पष्ट रूप से यह बताना होता है कि उनकी ऋण निधि 3 x 3 मैट्रिक्स के किस प्रकोष्ठ में आती है। ऋण निधियों में निवेश करने में रुचि रखने वाले निवेशक केवल संभावित जोखिम वर्ग मैट्रिक्स को देखकर निधि के साथ जुड़े जोखिम की मात्रा की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

पीआरसी (PRC) मैट्रिक्स के घटक

पीआरसी (PRC) मैट्रिक्स कैसे काम करता है यह समझने के लिए, हमें पहले इससे जुड़े दो प्रमुख घटकों को जानना होगा: मैकाले अवधि (MD) और क्रेडिट रिस्क वैल्यू (CRV)।

मैकाले अवधि (एमडी)

मैकाले अवधि (एमडी) बॉन्ड का नकद प्रवाह प्राप्त नहीं होने की अवधि तक भारित औसत समय की माप करती है। यह ब्याज भुगतान और मूलधन की वापसी दोनों पर विचार करता है। एमडी ब्याज दर में बदलाव के प्रति बॉन्ड की संवेदनशीलता का अनुमान लगाने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, मैकाले अवधि जितनी अधिक होगी, ब्याज दर के उतार-चढ़ाव के प्रति बॉन्ड की कीमत में अस्थिरता और जोखिम ज्यादा होगा।

बॉन्ड के अलावा, एमडी का उपयोग पूरी डेट स्कीम के अधिकतम भारित औसत ब्याज दर जोखिम को मापने के लिए भी किया जा सकता है।

मैकाले अवधि के आधार पर संभावित जोखिम वर्ग मैट्रिक्स ऋण निधि को तीन वर्गों में वर्गीकृत करता है।

वर्ग I: 1 वर्ष या उससे कम की मैकाले अवधि

वर्ग II: 3 वर्ष या उससे कम की मैकाले अवधि

वर्ग III: कोई भी मैकाले अवधि

क्रेडिट रिस्क वैल्यू (CRV)

ऋण जोखिम मूल्य (सीआरवी) एक ऐसा मापदंड है जो निर्गमकर्ता के ऋण दायित्व का पुनर्भुगतान न करने के कारण बांड में चूक होने की संभावना को दर्शाता है। सीआरवी की गणना व्यक्तिगत बांड और सभी डेट म्यूच्यूअल फंड योजनाओं के लिए की जा सकती है। ऋण जोखिम मूल्य जितना अधिक होता है, बॉन्ड या ऋण योजना उतना ही सुरक्षित होती है।

निवेशकों और एएमसी दोनों के लिए इसे आसान बनाने हेतु सेबी ने अपनी क्रेडिट रेटिंग के आधार पर विभिन्न ऋण उपकरणों का सीआरवी अधिसूचित किया है।

ऋण उपकरण क्रेडिट रिस्क वैल्यू (CRV)
सरकारी सिक्योरिटीज़ (जी-सेक), सरकारी सिक्योरिटीज़ पर रेपो, राज्य विकास लोन (एसडीएल), ट्रेप्स और नकद 13
एएए 12
एए+ 11
एए 10
एए- 9
ए+ 8
7
ए- 6
बीबीबी+ 5
बीबीबी 4
बीबीबी- 3
अनरेटेड 2
निवेश ग्रेड के नीचे 1

संभावित जोखिम वर्ग मैट्रिक्स अपने क्रेडिट रिस्क वैल्यू (सीआरवी) के आधार पर डेट फंड को तीन वर्गों में वर्गीकृत करता है।

ए श्रेणीः12 या उससे अधिक क्रेडिट रिस्क वैल्यू

बी श्रेणी: 10 या उससे अधिक क्रेडिट रिस्क वैल्यू

सी श्रेणी: 10 से कम क्रेडिट रिस्क वैल्यू

पीआरसी (PRC) मैट्रिक्स के आधार पर डेट फंड का वर्गीकरण

आप संभावित जोखिम वर्ग मैट्रिक्स के दो घटकों को देख चुके हैं, आइए देखते हैं कि उनके अनुसार डेट फंड को कैसे वर्गीकृत और लेबल किया जाता है.

मैकाले अवधि के आधार पर स्कीम की अधिकतम ब्याज़ दर सीआरवी के आधार पर स्कीम का अधिकतम क्रेडिट जोखिम
ए श्रेणी (CRV = > 12) ए श्रेणी (CRV = > 10) सी श्रेणी (सीआरवी <10)
वर्ग I (एमडी <= 1) अपेक्षाकृत कम ब्याज़ दर जोखिम और अपेक्षाकृत कम क्रेडिट जोखिम अपेक्षाकृत कम ब्याज़ दर जोखिम और मध्यम क्रेडिट जोखिम अपेक्षाकृत कम ब्याज़ दर जोखिम और अपेक्षाकृत उच्च क्रेडिट जोखिम
वर्ग II (एमडी <= 3) मध्यम ब्याज दर जोखिम और अपेक्षाकृत कम क्रेडिट जोखिम मध्यम ब्याज दर जोखिम और मध्यम क्रेडिट जोखिम मध्यम ब्याज दर जोखिम और अपेक्षाकृत उच्च क्रेडिट जोखिम
वर्ग III (कोई भी MD) अपेक्षाकृत उच्च ब्याज दर जोखिम और अपेक्षाकृत कम क्रेडिट जोखिम अपेक्षाकृत उच्च ब्याज दर जोखिम और मध्यम क्रेडिट जोखिम अपेक्षाकृत उच्च ब्याज दर जोखिम और अपेक्षाकृत उच्च क्रेडिट जोखिम

उदाहरण के लिए, आइए एक ओपन-एंडेड अल्पावधि फंड को लें जहां इसकी मैकाले अवधि 2.5 है और इसका क्रेडिट रिस्क वैल्यू (सीआरवी) 12 है। इस मामले में, इसे “मध्यम ब्याज दर जोखिम और अपेक्षाकृत कम ऋण जोखिम” वाले ऋण निधि के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। पीआरसी मैट्रिक्स में, निधि निम्नलिखित रूप में प्रकट होगी।

मैकाले अवधि के आधार पर स्कीम की अधिकतम ब्याज़ दर

सीआरवी के आधार पर स्कीम का अधिकतम क्रेडिट जोखिम
वर्ग A (CRV = > 12) वर्ग A (CRV = > 10) क्लास सी (सीआरवी <10)
वर्ग I (एमडी <= 1)
श्रेणी II (एमडी <= 3) ए-II
क्लास III (कोई भी MD)

पीआरसी मैट्रिक्स डेट म्यूचुअल फंड का मूल्यांकन करने में कैसे मदद करता है?

यहां उन विभिन्न तरीकों का एक विहंगावलोकन दिया गया है जिसमें दर्शाया गया है कि फंड का मूल्यांकन करने में 3 x 3 मैट्रिक्स निवेशकों की सहायता कैसे करता है।

पीआरसी मैट्रिक्स डेट फंड के बारे में स्पष्ट और मानकीकृत जानकारी प्रदान करता है, जिससे निवेशक एक नजर में संबंधित जोखिमों को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं।

निवेशक संभावित रिस्क क्लास मैट्रिक्स का उपयोग करके डेट फंड की ब्याज़ दर और क्रेडिट रिस्क प्रोफाइल का सटीक मूल्यांकन कर सकते हैं।

चूंकि मैट्रिक्स द्वारा प्रदान की गई जानकारी मानकीकृत होती है, इसलिए निवेशक विभिन्न निधियों की तुलना एक- दूसरे के साथ कर सकते हैं और अपनी प्राथमिकताओं और जोखिम क्षमताओं के अनुसार निधि का चयन कर सकते हैं।

निष्कर्ष

पीआरसी मैट्रिक्स निवेशकों को प्रत्येक निधि से संबंधित जोखिम के बारे में स्पष्ट और मानकीकृत जानकारी प्रदान करके डेट म्यूचुअल फंड का मूल्यांकन करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पारदर्शिता बढ़ाता है, जोखिम मूल्यांकन और तुलना की सुविधा प्रदान करता है और निवेशकों को समझ-बूझकर निवेश निर्णय लेने में सक्षम बनाता है।

सेबी की अधिसूचना द्वारा सभी संपत्ति प्रबंधन कंपनियों को अपने डेट म्यूच्यूअल फंड्स के संभावित जोखिम वर्ग मैट्रिक्स का प्रकटन करना अनिवार्य किया गया है, जिस श्रेणी में वह स्कीम आती है उस श्रेणी को स्पष्ट रूप से दर्शाया जाता है। आप संबंधित ऋण निधि के फैक्ट शीट पर इस सूचना को देख सकते हैं। एक निवेशक के रूप में, निवेश करने के पूर्व निधि के फैक्ट शीट और पीआरसी मैट्रिक्स को अवश्य पढ़ें।

FAQs

क्या एएमसी पीआरसी मैट्रिक्स के आधार पर इक्विटी फंड को भी वर्गीकृत करते हैं?

नहीं। पीआरसी मैट्रिक्स का उपयोग इक्विटी फंड को नहीं बल्कि केवल डेट म्यूचुअल फंड से संबंधित जोखिम को दर्शाने के लिए किया जाता है। तथापि, इक्विटी म्यूचुअल फंड के लिए सेबी ने म्यूचुअल फंड रिस्कोमीटर का उपयोग करके उनसे जुड़े जोखिम को दर्शाना अनिवार्य बनाया है।

मुझे डेट फंड के लिए संभावित रिस्क क्लास मैट्रिक्स कहां मिल सकता है?

एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) द्वारा प्रकाशित इसकी फैक्ट शीट पर किसी विशेष डेट फंड का पीआरसी मैट्रिक्स आप देख सकते हैं.

पीआरसी मैट्रिक्स के मुख्य घटक क्या हैं?

पीआरसी मैट्रिक्स के दो मुख्य घटक हैं – मैकाले अवधि (MD) और क्रेडिट रिस्क वैल्यू (CRV)। मैकाले अवधि का उपयोग ब्याज दर से जुड़े जोखिम को मापने के लिए किया जाता है जबकि क्रेडिट रिस्क वैल्यू का उपयोग क्रेडिट जोखिम को मापने के लिए किया जाता है।

क्या जोखिम मूल्यांकन के लिए केवल पीआरसी मैट्रिक्स पर निर्भर रहने से कोई नुकसान हो सकता है?

पीआरसी मैट्रिक्स में दो प्रमुख घटक होते हैं-मैकाले अवधि (एमडी) और क्रेडिट जोखिम मूल्य (सीआरवी). मैकाले अवधि का उपयोग ब्याज दर जोखिम को मापने के लिए किया जाता है, जबकि ऋण जोखिम मूल्य का उपयोग ऋण जोखिम को मापने के लिए किया जाता है. हाइपरलिंक “https://www.angelone.in/knowledge-center/mutual-funds/what-is-prc-matrix”

क्या जोखिम मूल्यांकन के लिए पीआरसी मैट्रिक्स पर पूरी तरह से भरोसा करने से संबंधित कोई कमी है?

हां। संभावित जोखिम वर्ग मैट्रिक्स केवल दो जोखिमों – ब्याज दर जोखिम और क्रेडिट जोखिम को ध्यान में रखता है तथा अन्य बहुत सारे जोखिम कारकों की जानकारी नहीं देता है। ऋण निधियों से संबंधित जोखिमों का ऐसा सरलीकरण पीआरसी मैट्रिक्स की एक प्रमुख सीमा है।