इस लेख में भारत के स्टॉक मार्केट में 50 शीर्ष कंपनियों के बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 50 के बारे में जानकारी दी गई है। इसमें निफ्टी 50 का अर्थ बताया गया है, यह मार्केट इंडिकेटर के रूप में कैसे काम करता है और विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख स्टॉक को सूचीबद्ध करता है।
परिचय
पिछले डेढ़ वर्ष से शेयर बाजार अनेक कारणों से समाचारों में रहा है। सर्वप्रथम, बहुत से लोग इस बात पर आश्चर्यचकित हो गए कि जब पूरी दुनिया में आर्थिक संकट था, जिसके कारण पूरी दुनिया रूक गई थी, उसमें पूरा स्टॉक मार्केट विशेषकर भारत का स्टॉक मार्केट, बहुत प्रभावित नहीं हुआ था। वैकल्पिक रूप से, एक बार जब ‘अज्ञात राज्य का प्रारंभिक भय‘ देश के वातावरण से समाप्त हो गया, तब मार्केट में बढ़त शुरू हो गई, जिसमें अनेक बेंचमार्क अनछुई ऊंचाई पर पहुंचे और स्टॉक मार्केट में इस तेजी का उपयोग करके जोमैटो, आदित्य बिरला सनलाइफ एएमसी और हाल ही में, अत्यधिक प्रतिष्ठित पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड जैसी कंपनियों ने आईपीओ (IPO) फाइल किया है।
इनमें से कुछ बेंचमार्क में सेंसेक्स, निफ्टी50, निफ्टी100, निफ्टी200 आदि शामिल हैं। निफ्टी 50 सबसे लोकप्रिय है और इसके घटकों को देखकर आप इसके अधिकांश स्टॉक को पहचान सकते हैं।
लेकिन निफ्टी 50 क्या है, यह कैसे काम करता है, और वास्तव में बेंचमार्क इंडेक्स क्या है? वास्तव में, इंडेक्स क्या है? हम सभी इस लेख में इन सभी प्रश्नों का उत्तर देंगे।
मूल निफ्टी50
आगे बढ़ने के पहले यह बता दूँ कि निफ्टी50 भारत के राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध बेंचमार्क इंडेक्स का नाम है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब “निफ्टी” नाम स्टॉक मार्केट में चर्चा में रहा है।
पिछले दशकों में निफ्टी फिफ्टी नाम 1950 और 1960 के अमेरिकी बाजारों में लार्ज–कैप स्टॉक को दिया गया था, जिन स्टॉक को ब्लू–चिप माना जाता था और ये ‘केवल खरीदे जाने वाले‘ स्टॉक माने जाते थे। काफी मजबूत बुनियाद वाले अर्थव्यवस्था के इन स्तंभों के स्टॉक को केवल “खरीद” की सिफारिशें ही मिलती थीं। हालांकि, जितनी उंचाई तक ये स्टॉक गए थे, 2008 के क्रैश के दौरान वे उतना ही नीचे चले गए। यद्यपि क्रैश के बाद इन्हें वापस उसी स्थिति में लाने के प्रयास किए गए थे, किन्तु उन्हें उतनी सफलता नहीं प्राप्त हो सकी।
‘नया‘ निफ्टी 50
जब 1992 में मुंबई में एनएसई (NSE) की स्थापना की गई थी, तब इसकी प्रबंधक टीम को एक मजबूत वित्तीय आधार की आवश्यकता थी ताकि वे डीमटेरियलाइज्ड मार्केट स्पेस में अपने स्थान को मजबूत बना सकें। उन्होंने इसे नए निफ्टी 50 के रूप में पाया। आजकल, जब कोई पूछता है कि “निफ्टी 50 क्या है” या “निफ्टी 50 क्या हैं“, तो उन्हें एनएसई (NSE) के लिए इस बेंचमार्क इंडेक्स से संदर्भित किया जाता है।
निफ्टी 50 सूचकांक 50 स्टॉक से बनाया गया है जो भारतीय स्टॉक मार्केट की प्रमुख कंपनियां हैं। एशियन पेंट और एचडीएफसी (HDFC) तथा टाटा (उदाहरण के लिए टाइटन) जैसी कंपनियों से बनी बेंचमार्क इंडेक्स को भारतीय स्टॉक मार्केट के सबसे सटीक लिटमस परीक्षणों में से एक माना जाता है। यदि निफ्टी 50 लाल हो तो मार्केट भी ऐसा हो सकता है। अगर यह नहीं है, तो संभव है कि वह जल्दी ही वैसा हो जाए।
इंडेक्स क्या है?
इससे पहले कि निफ्टी 50 और निफ्टी 50 स्टॉक क्या हैं, के बारे में जानने के लिए हम आगे बढ़ें, हमें पहले यह समझना होगा कि वास्तव में इंडेक्स या बेंचमार्क इंडेक्स क्या है।
सबसे आसान शब्दों में कहा जाए तो इंडेक्स प्रतिभूतियों का एक ऐसा समूह है जिसे मार्केट के किसी निश्चित क्षेत्र के प्रतिनिधि नमूने के रूप में सृजित किया जाता है। इसके बाद यह प्रतिनिधि नमूना मार्केट के प्रदर्शन का परीक्षण करने के लिए एक बैरोमीटर के रूप में काम करता है। उदाहरण के लिए (और पूर्णतया एक उदाहरण के रूप में), यदि आप फिनटेक सेक्टर के बाजार प्रदर्शन को मापना चाहते हैं, तो आप सर्वाधिक ज्ञात और सुस्थापित फिनटेक कंपनियों से निर्मित स्टॉक का एक समूह तैयार करेंगे। यह इन सभी कंपनियों के औसत प्रदर्शन को माप कर एक संख्या के रूप में सूचकांक का मूल्य बताता है। यदि सूचकांक की कीमत कम हो जाती है तो इसका अर्थ है कि प्रतिभूतियों के समूह के स्टॉक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, जिसका अर्थ है कि कुल मिलाकर बाजार भी अच्छा नहीं कर रहा है। और इसका विपरीत भी सत्य है।
निफ्टी 50 को समझें
चूँकि भारतीय स्टॉक मार्केट कुल मिलकर कैसा प्रदर्शन कर रहा है इसे जानने का निफ्टी 50 अब सबसे विश्वसनीय बैरोमीटर बन गया है। काफी सतर्कतापूर्वक काम करके लम्बे समय में इसने इस स्थिति को प्राप्त किया है। विविधता प्रदान करने के लिए देश के 13 क्षेत्रों से संबंधित स्टॉक से बेंचमार्क इंडेक्स बनाया गया है। ये सेक्टर निम्नवत हैं:
– तेल और गैस
– उपभोक्ता वस्तुएं
– सूचना प्रौद्योगिकी
– वित्तीय सेवाएं
– ऑटोमोबाइल्स
– निर्माण
– दूरसंचार
– फार्मास्यूटिकल्स
– ऊर्जा
– सीमेंट
– सीमेंट उत्पाद
– धातु
– उर्वरक
– कीटनाशक
– मीडिया और एंटरटेनमेंट
यह न केवल ‘निफ्टी 50 क्या है‘ के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है, बल्कि यह भी बताता है कि भारतीय बाजारों के लिए बेंचमार्क इंडेक्स अच्छा क्यों है। लगभग सभी प्रमुख क्षेत्रों के स्टॉक के साथ, इन क्षेत्रों की कंपनियों को अपने सेगमेंट के इंडेक्स के लिए चुना गया है, निफ्टी 50 भारतीय बाजारों के प्रदर्शन के संकेत के रूप में कार्य करता है क्योंकि यह भारतीय बाजारों के सर्वोत्तम प्रस्तावों के एक छोटे नमूने के रूप में प्रतिनिधित्व करता है; यदि निफ्टी 50 के स्टॉक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, तो संभव है कि अर्थव्यवस्था उन प्रतिकूल प्रभावों से बच नहीं पाएगी जो इंडेक्स को नीचे ला रहे हैं।
निफ्टी 50 पर लिस्ट होने वाली कंपनियों के लिए पात्रता मानदंड
निफ्टी 50 इंडेक्स में सूचीबद्ध होने के लिए कंपनियों को कई महत्वपूर्ण मानदंडों को पूरा करना होता है। सबसे पहले, कंपनी को राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में पंजीकृत होना चाहिए और भारतीय मूल का होना चाहिए। पात्रता के लिए एक प्रमुख कारक स्टॉक की लिक्विडिटी है, जिसे इसकी प्रभाव लागत के माध्यम से मापा जाता है। यह सूचकांक के भीतर कंपनी के बाजार पूंजीकरण से संबंधित व्यापार के निष्पादन की लागत का प्रतिनिधित्व करता है। 6-महीने की अवधि में, ₹10 करोड़ के पोर्टफोलियो के निरीक्षणों के 90% के आधार पर प्रभाव लागत 0.50% के बराबर या उससे कम होनी चाहिए।
इसके अलावा, कंपनी के स्टॉक में पिछले 6 महीनों में 100% की ट्रेडिंग फ्रीक्वेंसी के साथ ट्रेडिंग किया जाना चाहिए। इसके अलावा, कंपनी का औसत फ्री–फ्लोट बाजार पूंजीकरण निफ्टी 50 इंडेक्स में पहले से सूचीबद्ध सबसे छोटी कंपनी से कम से कम 1.5 गुना अधिक होना चाहिए। विभेदक मतदान अधिकारों (DVR) वाली कंपनियां भी शामिल हो सकती हैं।
निफ्टी 50 सूचकांक का समय–समय पर पुनर्गठन किया जाता है, विशेष रूप से विलयन, अधिग्रहण, स्पिन–ऑफ, निलंबन या विमोचन जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं के दौरान। त्रैमासिक समीक्षाएं यह सुनिश्चित करती हैं कि कंपनियां विनियामक आवश्यकताओं का पालन करती रहें। इसके अलावा, कंपनियों को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना चाहिए, क्योंकि अनुपालन न करने पर सूचकांक से निष्कासित किया जा सकता है।
निष्कर्ष
निफ्टी 50 उन सबसे आम नामों में से एक है जिन्हें आप शेयर बाजारों पर चर्चा करते समय या बाजार से संबंधित किसी बातचीत के दौरान अच्छे कारणों से सुन सकते हैं। बाजारों के प्रदर्शन और निफ्टी 50 के बारे में होने वाले बातचीत में भी इनकी बातें होती हैं, क्योंकि निफ्टी 50 भारतीय बाजारों का एक बेंचमार्क इंडेक्स है।
यद्यपि इंडेक्स बाजार के प्रदर्शन का सटीक सूचक होता है, किन्तु यह आर्थिक प्रदर्शन का सूचकांक नहीं है। इसका कारण यह है कि अमेरिका जैसे अन्य देशों के विपरीत, जो अपने बाजारों से अपनी आर्थिक गतिविधि और आर्थिक मूल्य का एक बड़ा हिस्सा प्राप्त करते हैं, भारतीय बाजार देश की अर्थव्यवस्था का 13-15 प्रतिशत योगदान देते हैं। इसलिए, ऐसा हो सकता है कि निफ्टी 50 अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा हो, किन्तु अर्थव्यवस्था की स्थिति अच्छी हो। कृषि में उछाल (कृषि अभी भी देश का सबसे प्रमुख क्षेत्र है), जो समग्र अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचाती है, कृषि क्षेत्र में कार्य करने वाली कंपनियों को छोड़कर स्टॉक मार्केट में विशेष रूप से प्रतिबिंबित नहीं होती हैं। एक बार फिर, इसके विपरीत भी संभव है।
FAQs
निफ्टी इंडेक्स में कितनी कंपनियां शामिल हैं, और निफ्टी 50 का क्या मतलब है?
निफ्टी सूचकांक में विभिन्न क्षेत्रों की 50 प्रमुख कंपनियां शामिल हैं। निफ्टी 50 शीर्ष 50 स्टॉक को दर्शाता है जो भारत के स्टॉक मार्केट परफॉर्मेंस के लिए बेंचमार्क के रूप में कार्य करता है।
निफ्टी इंडेक्स कब लॉन्च किया गया था?
निफ्टी इंडेक्स को भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) द्वारा 22 अप्रैल, 1996 को लॉन्च किया गया था।
बैंक निफ्टी इंडेक्स क्या है?
बैंक निफ्टी इंडेक्स एनएसई (NSE) पर सूचीबद्ध बैंकिंग सेक्टर के शीर्ष स्टॉक के प्रदर्शन को ट्रैक करता है, जो बैंकिंग उद्योग के स्वास्थ्य मापने के लिए एक प्रमुख बैरोमीटर के रूप में कार्य करता है।
निफ्टी मार्केट किस समय खुलता है?
निफ्टी मार्केट ट्रेडिंग के दिनों में भारतीय मानक समय (IST) के अनुसार सुबह 9:15 बजे खुलता है और दोपहर 3:30 बजे बंद होता है।
निफ्टी 50 में कौन से शेयर शामिल हैं?
निफ्टी 50 में रिलायंस इंडस्ट्रीज, एच डी एफ सी बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस और एशियन पेंट आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों के सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले स्टॉक शामिल हैं।